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भोरमदेव मंदिर, कवर्धा

भोरमदेव छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में कवर्धा से 18 कि.मी. दूर तथा रायपुर से 125 कि.मी. दूर चौरागाँव में एक हजार वर्ष पुराना मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर कृत्रिमतापूर्वक पर्वत शृंखला के बीच स्थित है, यह लगभग 7 से 11 वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था। यहाँ मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को “छत्तीसगढ़ का खजुराहो” भी कहा जाता है।

मंदिर का मुख पूर्व की ओर है। मंदिर नागर शैली का एक सुन्दर उदाहरण है। मंदिर में तीन ओर से प्रवेश किया जा सकता है। मंदिर एक पाँच फुट ऊंचे चबुतरे पर बनाया गया है। तीनों प्रवेश द्वारों से सीधे मंदिर के मंडप में प्रवेश किया जा सकता है। मंडप की लंबाई 60 फुट है और चौड़ाई 40 फुट है। मंडप के बीच में 4 खंबे हैं तथा किनारे की ओर 12 खम्बे हैं, जिन्होंने मंडप की छत को संभाल रखा है। सभी खंबे बहुत ही सुंदर एवं कलात्मक हैं। प्रत्येक खंबे पर कीचन बना हुआ है, जो कि छत का भार संभाले हुए है।

  • भोरमदेव मंदिर,कवर्धा
  • मडवा महल
  • छेरकी महल

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

निकटतम हवाई अड्डा राज्य राजधानी रायपुर में है। मुख्य हवाई अड्डा कवर्धा से लगभग 130 किमी है।

ट्रेन द्वारा

निकटतम रेलवे स्टेशन राज्य राजधानी रायपुर में है। रेलवे स्टेशन कवर्धा से लगभग 120 किमी है।

सड़क के द्वारा

कवर्धा अच्छी तरह से रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग शहर से सड़क से जुड़ा हुआ है।